
उत्तर-प्रदेश के बरेली के एक डाक्टर ने मानवता की एक नयी मिसाल कायम की है। बहुत कम ही लोगों को पता होगा कि उत्तर प्रदेश में बरेली शहर के एक युवक द्वारा बेशुमार मुश्किलों का सामना करके करीब साल भर पहले शुरु की गई मुहिम के चलते ही चुनाव आयोग ने पिछले महीने देश के करीब एक करोड़ किन्नरों को मतदाता सूची में पुरुष एवं नारी से अलग श्रेणी में रखना मंजूर किया। किन्नरों को अलग पहचान दिलाने वाला यह युवक शहर के नामी गिरामी अस्पताल का मुख्य चिकित्साधीक्षक है। डा. सैयद एहतिशाम हुदा नामक इस फिजियोथेरेपिस्ट का ताल्लुक बरेली के एक प्रतिष्ठित घराने से है और वह अपनी विशेषज्ञता के सहारे कई प्रख्यात खिलाडियों समेत बेशुमार नामचीन हस्तियों को उनकी बीमारियों से निजात दिला चुका है।
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